सुमन मञ्जरी
मन पोखिएको कुनो...
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याद
हाँसो त केही दिन को साथी मात्रै रहेछ वास्तवमा जिंन्दगी त केवल आँशु को खेल न रहेछ
सायद थोरे मात्र ख़ुशी ले पनी काहाली लाग्दो दुख लाई धुन नै पर्दों रहेछ !!
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